औरतों की मुक्ति और गुलामी के बीच हिमालय की तरह पैर अड़ाकर खड़ी है दिमागी गुलामी

वर्तमान भारतीय समाज दुखों के समुद्र में डूबा हुआ है। मजदूरों का न कोई गांव है न शहर, किसानों की…

असमानता के पहाड़ तले दब जाती है उत्तराखंड की महिलाओं की हाड़तोड़ मेहनत

हल्द्वानी, उत्तराखंड। ‘लड़की हो दायरे में रहो’ यह वाक्य अक्सर हर घर में सुनने को मिलता है, जो लैंगिक असमानता…

अराजकता बढ़ाते कानून और संरचनात्मक सांप्रदायिक हिंसा

(पिछले अंक से जारी)उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी धर्मांतरण निषेध अध्यादेश निम्न कारणों से सवालों के घेरे में हैं:अस्पष्ट परिभाषाएं…