Saturday, April 20, 2024

Armed Forces Special Powers Act (AFSPA)

19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर मणिपुर में AFSPA कानून को 1 अक्टूबर से 6 महीने के लिए बढ़ाया गया

मणिपुर में एएफएसपीए कानून को 1 अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। राज्य सरकार ने सात जिलों के उन्नीस पुलिस स्टेशनों को छोड़कर मणिपुर के सभी हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958 (एएफएसपीए)...

कुकी संगठनों की मांग-घाटी में भी लागू हो AFSPA, सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में लागू करना ‘एकतरफा’ निर्णय 

नई दिल्ली। मणिपुर अशांत है। राज्य में हिंसक घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। दो जातियों के बीच चल रहा संघर्ष किस मोड़ पर रूकेगा कोई नहीं जानता है? लेकिन कुकी समुदाय के लोग अब इस लड़ाई का...

पूर्वोत्तर को अफस्पा मुक्त करना कहीं भाजपा का चुनावी जुमला तो नहीं?

विवादास्पद आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) को लोकतंत्र और मानवाधिकार विरोधी दमनकारी कानून माना जाता रहा है। इस बर्बर कानून का दंश भारत में कश्मीर के साथ पूर्वोत्तर राज्यों की जनता को झेलना पड़ता रहा है। अब नगालैंड...

नार्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर में बीरेन सिंह को दोबारा शासन चलाने का जनादेश

मणिपुर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फिर से चुनते हुए निरंतरता के लिए मतदान किया और इस पूर्वोत्तर राज्य का शासन पांच साल की एक और अवधि के लिए भाजपा को सौंप दिया। 2017 में पहली बार सरकार...

नॉर्थ ईस्ट डायरी: क्या मणिपुर का जनादेश अफस्पा हटाने की मांग से प्रभावित होगा?

मणिपुर के तंगखुल नगा बहुल अंचल उखरूल में सभी नागरिक विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) का तीव्र विरोध करते हैं, जो अशांत घोषित क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को व्यापक अधिकार प्रदान...

नॉर्थ ईस्ट डायरी: बंदूक और अफस्पा के साये में मणिपुर चुनाव

पिछले महीने मणिपुर में चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से राज्य में 15,240 लाइसेंसी हथियार जमा किए गए थे। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश अग्रवाल ने बताया: “अभी तक लगभग 58 प्रतिशत...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।