आज़मगढ़। आज़मगढ़ के रौनापार थाने के पलिया गांव में हुए पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ रिक्शा स्टैंड पर कांग्रेस के प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव, प्रदेश सचिव संतोष कटाई, यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष अमर बहादुर यादव, एनएसयूआई सचिव मंजीत यादव...
गोधौरा से लौटकर विजय विनीत
गोधौरा (आजमगढ़)। उत्तर प्रदेश पुलिस की दरिंदगी और हैवानियत भरे इतिहास में आजमगढ़ जिले की पुलिस ने एक और अध्याय जोड़ दिया है। 4 मई 2021 की शाम जहानागंज इलाके की करीब पांच सौ आबादी...
आज़मगढ़। थाना रौनापार के पलिया गांव में 29 जून की रात स्थानीय पुलिस ने दलित परिवारों पर बर्बर अत्याचार किया है। चार मकानों को पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है। महिलाओं के साथ मारपीट की। जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी...
आजमगढ़: रिहाई मंच ने आजमगढ़ में हिंदी-अंग्रेजी पायनियर अखबार के कार्यालय को ढहाए जाने के बाद मौका स्थल का दौरा किया। मंच ने कहा कि एसडीएम सदर आजमगढ़ द्वारा 12 मार्च को नोटिस जारी करने के बारह दिन बाद...
लखनऊ/आजमगढ़। यूपी के पूर्वांचल में हिरासत में एक और मौत का मामला सामने आया है। पीड़ित शख्स का नाम जियाउद्दीन है जिसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। घटना को कुछ इस तरह से अंजाम दिया गया है जिसमें...
आज़मगढ़। आज़मगढ़ में वीडीसी सदस्य मोहम्मद आलम की दिन दहाड़े हत्या के बाद रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने परिजनों से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल में अधिवक्ता विनोद यादव, लक्ष्मण...
लखनऊ/आजमगढ़। धर्मांतरण कराने के आरोप में आजमगढ़ के दीदारगंज थाना क्षेत्र के डीह कैथोली से तीन युवकों की गिरफ्तारी की खबर के बाद रिहाई मंच के नेताओं ने गांव का दौरा किया। इस दौरे में महासचिव राजीव यादव समेत हाईकोर्ट अधिवक्ता संतोष सिंह, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, शाहआलम शेरवानी और...
उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ के जीयनपुर कोतवाली के बालापुर गांव में साइड के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाने पर सामंती दबंगों ने दलित मजदूर की बेरहमी से पिटाई कर दी। पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली है, लेकिन...
लखनऊ। रिहाई मंच ने गोरखपुर सीरियल ब्लॉस्ट मामले में आजमगढ़ के तारिक कासमी को आजीवन कारावास के फैसले पर बोला की यह फैसला तथ्यों से परे है। मंच ने कहा कि इससे पहले भी निचली अदालतों द्वारा आतंकवाद के...
मैं अकेला ही चला था जानिबे मंज़िल मगरलोग साथ आते गए और कारवां बनता गया
उर्दू अदब में ऐसे बहुत कम शेर हैं, जो शायर की पहचान बन गए और आज भी सियासी, समाजी महफिलों और तमाम ऐसी बैठकों में...