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संस्कृति-समाज

शकील बदायूंनी की जयंती पर विशेष: ’‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा…’’

‘‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा, कि मुहब्बतों का हूं राज़दां/मुझे फ़क्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं’’ शायर शकील बदायूंनी की गजल [more…]