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संस्कृति-समाज

‘बाइज़्ज़त बरी’ किताब की समीक्षा : बेगुनाहों की दर्द भरी दास्तां का दस्तावेजीकरण

इक्कीसवीं सदी की शुरुआत से ही देश के अंदर आतंकवाद की घटनाओं में अचानक इजाफ़ा हुआ और आरोपी के तौर पर लगातार मुसलमानों की गिरफ़्तारी [more…]