Saturday, April 27, 2024

battery rickshaw walas

इलाहाबाद: रोजी का आखिरी सहारा भी छिना

फूलपुर से घंटे भर के सफ़र के बाद बस से इलाहाबाद चुंगी पर उतरा ही था कि बैटरी रिक्शा वाले ‘कचेहरी कचेहरी’ चिल्लाते दिखाई पड़े। मेरा मन सन्न रह गया। ये क्या हो गया। चुंगी से कचहरी की सड़क...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...