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बीच बहस

सत्ता-अधिकार, जनाकांक्षा और जनादेश

भारत में आजादी के स्वरूप के बारे में जानने के लिए धर्म और भक्ति के स्वरूप को जानना दिलचस्प ही नहीं जरूरी भी है। भक्ति [more…]

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संस्कृति-समाज

भक्ति कविता कौशल से नहीं बल्कि आचरण से पैदा हुई कविता है: सदानंद शाही

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आयोजित में ‘भक्तिकाल और भारत का स्वप्न’विषयक एकल व्याख्यान में प्रोफेसर गोपेश्वर सिंह ने कहा कि भक्तिकाल [more…]