Saturday, April 20, 2024

brahmanism

हिन्दी सिनेमा में ब्राह्मणवाद और दलित मुक्ति के संदर्भ

भारत में सिनेमा का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। यह न केवल महंगा माध्यम है, बल्कि तकनीकी माध्यम भी है,जिसके लिए तकनीकी जानकारों और विशेषज्ञों की जरूरत होती है। इन दोनों कारणों से सिनेमा में आरंभ से...

दलित स्त्री-3: स्त्रीवाद और दलित स्त्री/भ्रामक अवधारणा बनाम वास्तविक संघर्ष

1841 में भारत के वर्तमान महाराष्ट्र प्रांत में एक महार दलित परिवार में पैदा हुई मुक्ता साल्वे, जो जोतिबा फुले और सावित्री बाई फुले द्वारा स्थापित स्कूल में पढ़ती थी, ने 1855 में एक निबंध लिखा जो कि दो...

नये चिंतन, विचार और ज्ञान की सर्जक थीं सावित्री बाई फुले

सावित्रीबाई फुले का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वह महान शिक्षिका, बहुजनों और महिलाओं की मुक्ति के लिए संघर्ष करने वाली अद्वितीय नायिका और आधुनिक युग की महान कवयित्री हैं, लेकिन इस सब के पीछे उनका एक चिंतक-विचारक व्यक्तित्व भी है,...

बौद्ध श्रमण चिन्तन परम्परा के चिन्तक प्रो. तुलसीराम

बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक ‘क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति’ में लिखा है कि भारतीय इतिहास दो संस्कृतियों के बीच संघर्ष का इतिहास है। ये दो संस्कृतियाँ हैं- वैदिक ब्राह्मण संस्कृति तथा बौद्ध श्रमण संस्कृति। एक तरफ जहाँ वैदिक...

क्या लाइलाज है इस देश में जातिवाद की बीमारी?

इस देश में आज से 70 साल पहले लागू किए गए संविधान, जिसको 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था और भारतीय राष्ट्रराज्य उसी दिन एक गणतंत्र बन गया था, में प्रथम पृष्ठ पर यह स्पष्टता से लिखा...

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष: बुद्ध धम्म और भारत में प्रतिरोध की बहुजन-श्रमण प्रगतिशील परंपरा

मार्क्स ने कहा था "अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।" यह वर्ग-संघर्ष विचारों के संघर्ष के रूप में भी मुखर रूप से सामने आता है। भारत में वर्ग-संघर्ष ने खुद को वर्ण-संघर्ष...

फुले की ‘गुलामगिरी’: ब्राह्मणवाद से मुक्ति के पहले घोषणापत्र का एक परिचय

(वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल ने वसंत पंचमी (सरस्वती पूजन) के दिन डॉ. आंबेडकर के पहले गुरु ज्योतिराव फुले की सबसे प्रमुख कृति गुलामगिरी के एक अंश को उद्धृत किया, उसके बाद उनके खिलाफ टि्वटर पर #ArrestDilipMandal...

‘मनुस्मृति दहन दिवस’ पर मनुविधान समेत किसान कानूनों की जलाई गई होली

25 दिसंबर को 'मनुस्मृति दहन दिवस' पर देश के कई राज्यों सहित बिहार-यूपी में बहुजन संगठनों ने मनुस्मृति के साथ मनुवादी-पूंजीवादी गुलामी थोपने के कानूनों-प्रावधानों-नीतियों का दहन किया। इस मौके पर मनुस्मृति के साथ मनुविधान थोपने के एजेंडे, तीनों...

बिहार में जारी हुआ सामाजिक न्याय का घोषणा पत्र, संगठनों ने कहा- सामाजिक न्याय नहीं है चुनाव का एजेंडा

(सामाजिक न्याय आंदोलन, बिहार और रिहाई मंच की ओर से सामाजिक न्याय का एक घोषणापत्र जारी हुआ है जिसमें मौजूदा चुनाव में सामाजिक न्याय के मुद्दा न बनने पर गहरी चिंता जाहिर की गयी है। दोनों संगठनों के नेताओं...

जयंती पर विशेष: जनेऊ तोड़ने के बाद जब जेपी ने लिया सप्तक्रांति का संकल्प

संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की आज जयंती है। हम एक दिन पूर्व उनके पैतृक गांव सिताबदियारा में थे जहां 11 अक्तूबर 1902 को जेपी ने जन्म लिया था। हम सिताबदियारा के चैन छपरा में स्थित...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।