Tag: commission
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वंचितों के लिए अपनी जिंदगी लगा देने वाले वीपी सिंह राम मंदिर और गोरक्षा जैसे मुद्दों के दौर में फिर हो गए हैं प्रासंगिक
बात 18 दिसम्बर 1990 की है। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी) की सरकार गिर गई थी। गोरखपुर के तमकुही कोठी मैदान में मांडा के राजा और 1989 के चुनाव के पहले देश के तकदीर विश्वनाथ प्रताप सिंह की सभा होने वाली थी। सामाजिक न्याय के मसीहा का पहला और मेगा शो…
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SPECIAL:इलेक्टोरल बांड योजना पर मोदी सरकार ने संसद से झूठ बोला था और चुनाव आयोग को किया था गुमराह
नई दिल्ली। कारपोरेट इलेक्टोरल बॉंड मामले में मोदी सरकार ने न केवल रिजर्व बैंक के निर्देशों को खारिज किया बल्कि संसद से झूठ बोला और चुनाव आयोग के विरोध को भी ताक पर रख दिया। हफिंग्टन पोस्ट के मुताबिक उसके द्वारा हासिल किए गए दस्तावेज इस बात का खुलासा करते हैं कि तब के वित्त…
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कपूर आयोग रिपोर्ट-3: बिड़ला भवन में बम फेंकने वाले मदनलाल पाहवा ने भी बताया था सावरकर को मुख्य षड्यंत्रकारी
(30 जनवरी, 1948 को हत्या के आखिरी हमले से ठीक पहले 20 जनवरी को भी गांधी को मारने की कोशिश हुई थी। जब मदनलाल पाहवा नाम के एक शख्स ने दिल्ली स्थित बिड़ला हाउस पर बम फेंका था। हत्यारों की इस टीम में अकेला वही शख्स पंजाबी था बाकी सभी महाराष्ट्रियन थे। घटना के बाद…
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कपूर आयोग रिपोर्ट-2: पटेल और नेहरू समेत कांग्रेस के दूसरे शीर्ष नेता भी थे हत्यारे समूह के निशाने पर
(जेएल कपूर आयोग की दो खंडों में प्रकाशित रिपोर्ट के पहले खंड के पेज नंबर 321 पर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह बात अभी तक देश के सामने उस रूप में नहीं आयी थी जैसी यहां पेश की गयी है। इसमें बताया गया है कि गांधी की हत्या करने वाली जमात के निशाने पर…
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गांधी स्मृति श्रृंखला (भाग-4):गांधी शुरू से बने हुए थे संघ समेत सभी हिंदुत्ववादियों की आंख का कांटा
क्या कहता है जीवन लाल कपूर आयोग: प्रमुख निष्कर्ष इस आयोग के खंड पांच, अध्याय 21 और पेज 303 के अनुच्छेद 25.105 और 25.106 में दिए गए निष्कर्ष काबिलेगौर हैं: ‘‘25.105 निःस्सन्देह, आयोग इस मसले पर 21 साल बाद गौर कर रहा है, जबकि इस घटना को लेकर दोनों सिद्धांतों के पक्ष में तथा विपक्ष…
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गांधी स्मृति श्रृंखला(भाग-3):कपूर आयोग ने ठहराया था सावरकर को गांधी की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता
भिलारे गुरूजी को जानना क्यों जरूरी है ? ‘‘ पंचगणी में महात्मा गांधी की प्रार्थना सभा में आने की सभी को अनुमति मिली थी। उस दिन, उनके सहयोगी ऊषा मेहता, प्यारेलाल, अरूणा आसफ अली और अन्य प्रार्थना में उपस्थित थे। हाथ में खंजर लिए गोडसे गांधीजी की तरफ भागा और कहा कि उसके कुछ सवाल…
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सोनभद्र में आयोजित मजदूर-किसान मंच के सम्मेलन में उठी भूमि आयोग के गठन की मांग
सोनभद्र। आज यदि आरएसएस-भाजपा इतनी ताकतवर होकर उभरी हैं और देश में तानाशाही थोप रही हैं तो इसकी जिम्मेदारी सपा-बसपा-लालू मार्का कॉरपोरेट-सामंत परस्त बहुजन राजनीति को भी जाती है। 90 के दशक से शुरू हुई इस बहुजन राजनीति ने कभी भी मजदूर किसान को उठने नहीं दिया। इनके एजेण्डे में कभी भी लोगों की जिदंगी…