पुस्तक समीक्षा: भारतीय लोकतंत्र की दशा-दिशा की पड़ताल करती ‘जनतंत्र की जड़ें’
आजादी के बाद देश ने जिस शासन प्रणाली को चुना-वह संसदीय लोकतंत्र है। राजनीतिक विमर्श में यह कहा जाता है कि अभी तक के ज्ञात [more…]
आजादी के बाद देश ने जिस शासन प्रणाली को चुना-वह संसदीय लोकतंत्र है। राजनीतिक विमर्श में यह कहा जाता है कि अभी तक के ज्ञात [more…]
स्वाधीन होने के बाद भारत ने जो दिशा और राह चुनी, उसकी रूपरेखा जवाहरलाल नेहरु के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ भाषण में थी। नेहरु ने कहा, [more…]