Tag: constitution

  • न्याय का मखौल ! आजम खां के जमानत पर 137 दिनों से फैसला रिजर्व है

    न्याय का मखौल ! आजम खां के जमानत पर 137 दिनों से फैसला रिजर्व है

    संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने संविधान बनाते समय यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि कभी न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के साथ मिलकर सरकार में बैठे आकाओं को खुश करने के लिए कानून के शासन की अवधारणा की धज्जियां उड़ा देगी और न्याय का मखौल बना देगी, लेकिन आज के वैचारिक माहौल…

  • टूटते सामाजिक ताने बाने के बीच मेल-मोहब्बत की इफ़्तार पार्टी

    टूटते सामाजिक ताने बाने के बीच मेल-मोहब्बत की इफ़्तार पार्टी

    हमारा देश बहुलतावादी संस्कृति व सर्वधर्मसमभाव के मूल मंत्र के साथ दुनिया के मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान दर्ज़ कराता रहा है। इतिहास में धर्म व जाति के नाम पर बहुत बार तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई। लेकिन, उत्सवधर्मिता का वह देश जहाँ किसी बुज़ुर्ग की मृत्यु पर भी लोग निर्गुण का गायन-वादन करते हुए उन्हें…

  • सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना राज्य भी दे सकते हैं हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा

    सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना राज्य भी दे सकते हैं हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा

    केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि जिन राज्यों में हिंदुओं की संख्या कम है वहाँ की सरकारें उन्हें अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं। केंद्र ने कहा है कि ऐसा होने की स्थिति में हिंदू इन राज्यों में,अपने अल्पसंख्यक संस्थान स्थापित और संचालित कर सकते हैं। केंद्र ने बताया कि जैसे महाराष्ट्र ने…

  • क्या फेक एनकाउंटरों के लिए योगी पर चलाया जा सकता है मुकदमा?

    क्या फेक एनकाउंटरों के लिए योगी पर चलाया जा सकता है मुकदमा?

    उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे राजनेताओं के भाषणों में तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। योगी आदित्‍यनाथ 22 करोड़ जनता के सीएम की भाषा नहीं बोल रहे, वे तो सीधे तौर पर अपराधियों की भाषा बोल रहे हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक संबोधन में…

  • पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने किया पीआईबी की नई गाइडलाइन का विरोध

    पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने किया पीआईबी की नई गाइडलाइन का विरोध

    नई दिल्ली। देश के कई पत्रकार संगठनों ने पत्रकारों को मान्यता देने के लिए सरकार द्वारा जारी नए दिशा निर्देशों का विरोध किया है और इसे संविधान विरोधी तथा प्रेस की आज़ादी के खिलाफ बताया है। गौरतलब है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 7 फरवरी को प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो द्वारा पत्रकारों की मान्यता के लिए…

  • गैर-बराबरी और कट्टरता भरे समाज का सेक्युलरिज्म बनाम हिजाब-विवाद

    गैर-बराबरी और कट्टरता भरे समाज का सेक्युलरिज्म बनाम हिजाब-विवाद

    बात पिछली शताब्दी के सन् साठ दशक की है। हम लोग स्कूल में पढ़ते थे। वह गांव का एक सरकारी स्कूल था। उसमें आसपास के कई गांवों के बच्चे आते थे। ज्यादातर बच्चे हिन्दू-उच्चवर्णीय समुदाय के होते थे। उन दिनों दलित या पिछड़े समुदाय के बहुत कम बच्चे पढ़ते थे। मुस्लिम समुदाय के भी ज्यादा…

  •   देश में शुरू हो रहा है ‘भारत संवाद अभियान’

      देश में शुरू हो रहा है ‘भारत संवाद अभियान’

    हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए … इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। (उद्देशिका, भारत का संविधान) संविधान की उद्देशिका के इस शुरुआती हिस्से के साथ एक पर्चा संदेश जारी किया गया है। जिसमें देश में ‘भारत संवाद अभियान’ को शुरू करने…

  • भारतीय गणतंत्र : कुछ खुले-अनखुले पन्ने

    भारतीय गणतंत्र : कुछ खुले-अनखुले पन्ने

    भारत को ब्रिटिश हुक्मरानी के आधिपत्य से 15 अगस्त 1947 को राजनीतिक स्वतन्त्रता प्राप्ति के 894 दिन बाद 26 जनवरी 1950 को गणराज्य घोषित किया गया। तब राजधानी नई दिल्ली में कनाट प्लेस के पार्श्व में तत्कालीन इर्विन स्‍टेडियम में भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ। राजेन्‍द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बीच…

  • देश के बीमार और घृणा से बजबजाते समाज में बदलने का खतरा

    देश के बीमार और घृणा से बजबजाते समाज में बदलने का खतरा

    नरसंहार के आह्वान के बाद कल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान दिखा, जिसमें वे कह रहे हैं, धर्म संसद के बयानों को गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है। यह बयान तब आया, जब उस तथाकथित धर्म संसद के बयानों पर पहले पांच पूर्व सेनाध्यक्षों सहित सुरक्षा बलों के रिटायर्ड प्रमुखों और वरिष्ठ…

  • उत्तराखंड भोजन माता प्रकरण: दलितों के अपने संवैधानिक अधिकार छोड़ने के चलते कायम है गांवों में ‘सामाजिक सौहार्द’

    उत्तराखंड भोजन माता प्रकरण: दलितों के अपने संवैधानिक अधिकार छोड़ने के चलते कायम है गांवों में ‘सामाजिक सौहार्द’

    अखबारों में यह खबर आई है कि उत्तराखंड के सूखीढांग जाआईसी में भोजन माता प्रकरण का हल हो गया है। अभी तक की सूचना के अनुसार घटना क्रम इस प्रकार है पहले सवर्णों के बच्चों (ब्राह्मणवाद-मनुवाद के जहर से भरे बच्चे) ने दलित  भोजनमाता सुनीता के हाथ भोजन खाने के इंकार किया, फिर उनको हटाया…