Tag: constitution
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टूटते सामाजिक ताने बाने के बीच मेल-मोहब्बत की इफ़्तार पार्टी
हमारा देश बहुलतावादी संस्कृति व सर्वधर्मसमभाव के मूल मंत्र के साथ दुनिया के मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान दर्ज़ कराता रहा है। इतिहास में धर्म व जाति के नाम पर बहुत बार तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई। लेकिन, उत्सवधर्मिता का वह देश जहाँ किसी बुज़ुर्ग की मृत्यु पर भी लोग निर्गुण का गायन-वादन करते हुए उन्हें…
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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने माना राज्य भी दे सकते हैं हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि जिन राज्यों में हिंदुओं की संख्या कम है वहाँ की सरकारें उन्हें अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं। केंद्र ने कहा है कि ऐसा होने की स्थिति में हिंदू इन राज्यों में,अपने अल्पसंख्यक संस्थान स्थापित और संचालित कर सकते हैं। केंद्र ने बताया कि जैसे महाराष्ट्र ने…
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गैर-बराबरी और कट्टरता भरे समाज का सेक्युलरिज्म बनाम हिजाब-विवाद
बात पिछली शताब्दी के सन् साठ दशक की है। हम लोग स्कूल में पढ़ते थे। वह गांव का एक सरकारी स्कूल था। उसमें आसपास के कई गांवों के बच्चे आते थे। ज्यादातर बच्चे हिन्दू-उच्चवर्णीय समुदाय के होते थे। उन दिनों दलित या पिछड़े समुदाय के बहुत कम बच्चे पढ़ते थे। मुस्लिम समुदाय के भी ज्यादा…
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देश के बीमार और घृणा से बजबजाते समाज में बदलने का खतरा
नरसंहार के आह्वान के बाद कल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान दिखा, जिसमें वे कह रहे हैं, धर्म संसद के बयानों को गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है। यह बयान तब आया, जब उस तथाकथित धर्म संसद के बयानों पर पहले पांच पूर्व सेनाध्यक्षों सहित सुरक्षा बलों के रिटायर्ड प्रमुखों और वरिष्ठ…
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उत्तराखंड भोजन माता प्रकरण: दलितों के अपने संवैधानिक अधिकार छोड़ने के चलते कायम है गांवों में ‘सामाजिक सौहार्द’
अखबारों में यह खबर आई है कि उत्तराखंड के सूखीढांग जाआईसी में भोजन माता प्रकरण का हल हो गया है। अभी तक की सूचना के अनुसार घटना क्रम इस प्रकार है पहले सवर्णों के बच्चों (ब्राह्मणवाद-मनुवाद के जहर से भरे बच्चे) ने दलित भोजनमाता सुनीता के हाथ भोजन खाने के इंकार किया, फिर उनको हटाया…