Saturday, April 20, 2024

constitution

अब क्या संविधान नहीं, मनुस्मृति के रास्ते चलेगा देश?

भारत में जिस राजनैतिक व्यवस्था को हमने चुना है उसमें विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उन कानूनों के अनुरूप देश की शासन-व्यवस्था का संचालन करती है और न्यायपालिका यह सुनिश्चित करती है कि देश का शासन संविधान के मूल्यों...

हिन्दू राष्ट्र का संविधान; निकलना भेड़ियों का अपनी मांद से 

इधर दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से मोदी अपने भाषण में डॉ अम्बेडकर का नाम ले रहे थे, महिलाओं को अवसर देने के लिए कलेजा चीर कर दिखा रहे थे, आने वाले 25 वर्ष को भारत के लिए...

संविधान और तिरंगे के बारे में 1949 में क्या सोचता था संघ

हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सरकार ने इस अवसर पर सेल्फी विद तिरंगा का एक अभियान शुरू किया है। तिरंगा, देश का प्रतीक है और हमारी आन बान और शान भी है। तिरंगे के लिए लोगों...

आलोचना से परे नहीं है न्यायपालिका 

2014 के बाद देश की राजनीति में ही नहीं, बल्कि न्यायपालिका में भी, कुछ ऐसे परिवर्तन आए हैं, जिन पर लोगों का ध्यान गया है। न्यायपालिका किसी राजनीतिक विचारधारा और सत्ता की राजनीति से प्रेरित होकर काम नहीं करती...

पहली नागरिक के रूप में कितना कारगर साबित होंगी मुर्मू

संविधान निर्माताओं समेत स्वाधीनता संग्राम से मंज-तपकर निकले सिद्धान्तनिष्ठ और खरे राजनेताओं की उस पुरानी पीढ़ी ने (जिसे यह पता था कि हमारा लोकतंत्र कितना बहुमूल्य है) यह कल्पना तक नहीं की होगी कि राज्यपाल और राष्ट्रपति जैसे पद...

शिवसेना बनाम शिवसेना की कानूनी जंग में संवैधानिक सवाल, दोनों पक्षों को सुप्रीम नोटिस

महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट ने संवैधानिक संकट का रूप ले लिया है और जिस तरह उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हो रही है और चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इस मामले के कुछ मुद्दों को संविधान पीठ...

विषकाल के आठ साल

आज़ादी के मंथन से संविधान नाम का अमृत निकला था। जिसे विकारी संघ की सरकार विष में बदल रही है। विगत आठ साल से मोदी सरकार चुन-चुन कर संविधान की जड़ों को ध्वस्त कर रही है। बहुमत को बहुलतावाद...

भाजपा ने कहा वह सर्वधर्म समभाव और संविधान में विश्वास करती है ! 

भाजपा ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह कहा है कि, " भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित पल्लवित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी सर्वपंथ समभाव को मानती है। किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा...

इतिहास के आइने में कांग्रेस के चिंतन शिविर 

स्वतंत्र भारत का संविधान तैयार करने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष और संप्रभुता-सम्पन्न भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद ( 3 दिसंबर 1884: 28 फरवरी 1963 ) ने लिखा था, “ अक्सर दुनिया में जो लड़ाइयाँ हुई हैं, उनमें शास्त्रार्थों और साज...

न्याय का मखौल ! आजम खां के जमानत पर 137 दिनों से फैसला रिजर्व है

संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने संविधान बनाते समय यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि कभी न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के साथ मिलकर सरकार में बैठे आकाओं को खुश करने के लिए कानून के शासन की...

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माओवादियों ने बताया कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार, 25 अप्रैल को बंद का आह्वान

नई दिल्ली। माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार करार दिया है। और उसके विरोध...