Tag: court
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सुप्रीम कोर्ट ने लगायी दिल्ली सरकार को फटकार! कहा-कचरे के ढेर से मिली लाशें बताती हैं जानवरों से भी बदतर हो रहा मरीजों से सलूक
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना के मरीजों के इलाज में लापरवाही और लाशों के साथ हो रहे सलूक के मामले में शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर लाशें कचरे के ढेर में मिल रही हैं तो इंसानों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा…
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दुआ के पीछे पड़ीं बीजेपी सरकारें! शिमला में देशद्रोह का मुकदमा, सूबे की पुलिस ने दी घर आकर पेशी की नोटिस
नई दिल्ली। जाने-माने पत्रकार विनोद दुआ के घर पहुंच कर हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने नोटिस दिया है। जिसमें उनको कल सुबह 10 बजे तक शिमला के एक थाने में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। यह जानकारी खुद विनोद दुआ ने दी है। इसके पहले बीजेपी के एक नेता नवीन कुमार की तरफ…
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यतिन ओझा के आरोपों पर गुजरात हाईकोर्ट में बवंडर, स्वत:संज्ञान अवमानना का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा भ्रष्ट आचरण किया जा रहा है। हाई-प्रोफाइल उद्योगपति, तस्करों और देशद्रोहियों को अनुचित फेवर दिया जा रहा है। हाईकोर्ट प्रभावशाली और अमीर लोगों और उनके वकीलों के लिए काम कर रहा है। अरबपति हाईकोर्ट के आदेश से दो दिनों में मुक्त हो जा रहे हैं, जबकि गरीब और गैर-वीआईपी को…
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पूर्वांचल के उजड़ने और बर्बाद होने की कहानी पढ़िए कद्दावर नेता शिवाजी राय की ज़ुबानी
देवरिया शहर में पश्चिमी ओवरब्रिज के नीचे, देवरिया शुगर मिल के बहुत करीब अचानक एक ठेले वाले ने आवाज दी, “नेताजी कहाँ जा रहे हैं, हमारी भी बात सुन लीजिए”। पीछे मुड़ के देखा तो ठेले के पास खड़े एक आदमी ने हाथ हिला कर मुझे बुलाया। पास पहुंचने पर मैंने उससे पूछा, “यहाँ क्या…
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उच्चतर न्यायालयों में जारी है भाई-भतीजावाद का बोलबाला! इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों की प्रस्तावित सूची पर भी उठे सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने पिछले दिनों 31 नामों को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद एक बार फिर सिफारिशों में भाई भतीजावाद के साथ जातिवाद के भी आरोप लग रहे हैं। इसमें कम से कम 6 वकीलों के नाम भेजे गये हैं, जो 44-45 वर्ष आयु वर्ग के हैं। अगर 48 साल की बात…
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वेतन, EMI और प्रवासी: मोदी सरकार के दावों की पोल खुलनी शुरू
कोरोना संकट को लेकर केन्द्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए तरह-तरह की घोषणाएँ कीं। वित्त मंत्री तो पाँच दिनों तक अपने पैकेज़ों का पिटारा खोलकर 21 लाख करोड़ रुपये की कहानियाँ सुनाती रहीं। शुरुआत में लगा कि सरकार यथा सम्भव मौजूदा हालात की चुनौतियों को समझते हुए संवेदनशीलता दिखा रही है। लेकिन…
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पहले संज्ञान लिया होता तो श्रमिकों की इतनी दुर्दशा नहीं होती! योर आनर
उच्चतम न्यायालय का हृदयपरिवर्तन हो गया है और आज उच्चतम न्यायालय स्वयं को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बता रहा है। शहरों से मजदूरों के पलायन को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाखिल पांच जनहित याचिकाओं और अपीलों को खारिज करने के बाद आज उच्चतम न्यायालय देश को विश्वास दिलाना चाहता है कि उसने इस मामले में…