दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण करने के लिए लाया गया भारत सरकार का अध्यादेश हद दर्जे की बेशर्मी भरा क़दम है। यह लोकतंत्र के भविष्य के लिए घातक है। थोड़ी देर के लिए आप अपनी पक्षपातपूर्ण निष्ठा से...
आसिफ तन्हा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल की जमानत के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस जे भंभानी के पारित आदेश ने यूएपीए न्यायशास्त्र के पूरे ब्लैक बॉक्स को खोल दिया है। यूएपीए भारतीय न्यायशास्त्र का कई कारणों से ब्लैक...
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या ब्राजील के बराबर है और यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं। लेकिन भारतीय राजनीति में इसके जबर्दस्त प्रभुत्व का कारण केवल आकार और जनसांख्यिकी का मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश की राजनीति का राष्ट्रीय प्रभाव...
राजनीति शास्त्र की भाषा में एक बात कही जाती है- लोकतांत्रिक बर्बरता। लोकतांत्रिक बर्बरता अमूमन न्यायिक बर्बरता से पलती है। 'बर्बरता' शब्द के कई अवयव हैं। पहला है न्यायपालिका से जुड़े निर्णयों में मनमानी का बहुत अधिक देखा जाना।...