पहले संज्ञान लिया होता तो श्रमिकों की इतनी दुर्दशा नहीं होती! योर आनर
उच्चतम न्यायालय का हृदयपरिवर्तन हो गया है और आज उच्चतम न्यायालय स्वयं को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बता रहा है। शहरों से मजदूरों के पलायन [more…]
उच्चतम न्यायालय का हृदयपरिवर्तन हो गया है और आज उच्चतम न्यायालय स्वयं को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बता रहा है। शहरों से मजदूरों के पलायन [more…]
लॉकडाउन के दौरान कारखानों में लगे मजदूरों के वेतन और मजदूरी के भुगतान को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय में आज [more…]
अभी तो मंजिल दूर है, दूर है तेरा गांव। तंबू में तू बैठ कर, ले ले थोड़ी छांव।। मगर उम्मीदों के तंबू भी ग़ायब हैं। [more…]
उन्होंने बॉर्डर पर पानी भरे लोटे में नमक डालते हुए कहा “जा रहे हैं अपने घर और फिर कभी लौट कर नहीं आयेंगे।” संकल्प कहने [more…]
सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की ओर से पेश हुए वकील तुषार मेहता ने कहा था कि ऐसा लगता है कि कुछ राज्यों में हाई [more…]
यदि यूपीए-2 सरकार शुरू से ही भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों में न घिरी रही होती और टूजी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले, आदर्श सोसाइटी घोटाला, कोयला खदानों की बंदरबांट [more…]
कोरोना संकट की आड़ में जैसे श्रम क़ानूनों को लुगदी बनाया गया, क्या वैसा ही सलूक अब न्यायपालिका के साथ भी होना चाहिए? क्योंकि बक़ौल [more…]
विधि क्षेत्रों में सवाल उठ रहा है कि सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को आखिर गुस्सा क्यों आता है? जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर जब भी मोदी सरकार [more…]
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता का मानना है कि उच्चतम न्यायालय के साथ समस्या यह है कि यह एक मुख्य न्यायाधीश केंद्रित अदालत है और मुख्यत: [more…]
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत प्रदान की गई राहत के न्यूनतम मानकों [more…]