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पहला पन्ना 

पहले संज्ञान लिया होता तो श्रमिकों की इतनी दुर्दशा नहीं होती! योर आनर

उच्चतम न्यायालय का हृदयपरिवर्तन हो गया है और आज उच्चतम न्यायालय स्वयं को प्रवासी मजदूरों का हितैषी बता रहा है। शहरों से मजदूरों के पलायन [more…]

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बीच बहस

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से तल्ख़ सवाल, पूछा- कहां गए 20 लाख करोड़ रुपये?

लॉकडाउन के दौरान कारखानों में लगे मजदूरों के वेतन और मजदूरी के भुगतान को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय में आज [more…]

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बीच बहस

एनजीओ का धंधा, कभी न मंदा

अभी तो मंजिल दूर है, दूर है तेरा गांव। तंबू में तू बैठ कर, ले ले थोड़ी छांव।। मगर उम्मीदों के तंबू भी ग़ायब हैं। [more…]

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बीच बहस

निर्धनता का न्यायशास्त्र

उन्होंने बॉर्डर पर पानी भरे लोटे में नमक डालते हुए कहा “जा रहे हैं अपने घर और फिर कभी लौट कर नहीं आयेंगे।” संकल्प कहने [more…]

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पहला पन्ना 

राजनीति न करने को कहकर खुद राजनीतिक हो गया गुजरात हाई कोर्ट!

सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की ओर से पेश हुए वकील तुषार मेहता ने कहा था कि ऐसा लगता है कि कुछ राज्यों में हाई [more…]

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ज़रूरी ख़बर

तुषार मेहता जी! जनहित याचिकाएं न होतीं तो यूपीए सरकार न उखड़ती और न ही बीजेपी आती सत्ता में

यदि यूपीए-2 सरकार शुरू से ही भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों में न घिरी रही होती और टूजी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले, आदर्श सोसाइटी घोटाला, कोयला खदानों की बंदरबांट [more…]

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बीच बहस

जब आलम ‘समानान्तर सरकार’ का हो तो ‘गुस्ताख़’ हाईकोर्ट्स को माफ़ी कैसी?

कोरोना संकट की आड़ में जैसे श्रम क़ानूनों को लुगदी बनाया गया, क्या वैसा ही सलूक अब न्यायपालिका के साथ भी होना चाहिए? क्योंकि बक़ौल [more…]

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बीच बहस

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को आखिर गुस्सा क्यों आता है!

विधि क्षेत्रों में सवाल उठ रहा है कि सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को आखिर गुस्सा क्यों आता है? जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर जब भी मोदी सरकार [more…]

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बीच बहस

चीफ जस्टिस केन्द्रित और रजिस्ट्री द्वारा संचालित अदालत है सुप्रीम कोर्ट: रिटायर्ड जस्टिस दीपक गुप्ता

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता का मानना है कि उच्चतम न्यायालय के साथ समस्या यह है कि यह एक मुख्य न्यायाधीश केंद्रित अदालत है और मुख्यत: [more…]

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पहला पन्ना 

सुप्रीमकोर्ट का स्वत:संज्ञान: ताक पर रख दिया गया है आपदा प्रबंधन कानून

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत प्रदान की गई राहत के न्यूनतम मानकों [more…]