Sunday, April 28, 2024

BJP

चुनाव आयोग के नोटिस के बावजूद भाजपा का नफरती बयानबाजी जारी

प्रधानमंत्री मोदी के जिस 'मुस्लिम' वाले बयान के लिए बीजेपी को चुनाव आयोग से चेतावनी मिली है, उसी बयान को लगातार भाजपा और मज़बूती से दोहरा रही है। भाजपा के स्टार प्रचारकों- जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, आदित्यनाथ-...

एक बार फिर सांप्रदायिक-विघटनकारी एजेंडा के सहारे भाजपा?

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत का इस्तेमाल करता आया है। हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीति के मोड्यूल के दो मुख्य आधार हैं– पहला, प्राचीन भारत, जिसके समाज में मनुस्मृति...

बेहद कमजोर जमीन पर खड़ी भाजपा की ताक़त

जब नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया था, तो इसके पीछे दो बड़ी वजहें थीं, एक तो ये कि भाजपा 2024 के चुनाव में, 2019 में हासिल सीटों तक पहुंच पाएगी की नहीं, ये बहस ही खत्म...

पूर्व राजपरिवारों के एक दर्जन से ज्यादा लोग ओडिशा के चुनाव मैदान में

नई दिल्ली। ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव मानो पूर्व सामंतों और राजे-रजवाड़ों के लिए स्वर्ग हो गया है। अमेरिका से पढ़ कर आए नवीन पटनायक और देश पर राज कर रही बीजेपी को इन परिवारों को खुला समर्थन...

क्या कांग्रेस घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?

गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने इसे 'न्याय पत्र' का नाम दिया है। इसमें जाति जनगणना, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा हटाने, युवाओं...

‘ये बाबू संविधान बचाईं कि चिराग बाबू के जिताईं समझ में नाही आवत बा’

यह बात बिहार की करीब 60-65 वर्ष की पासी समाज की एक महिला ने कही। जब हम लोग संविधान बचाने और भाजपा को हराने के लिए लंबी-चौड़ी तरकरीर कर रहे थे। उस गोष्ठी-सभा में वह महिला भी मौजूद थीं।...

आरएसएस-भाजपा सरकार ने भारत को बना दिया लेबर चौराहा! 

धन-धान्य व उपजाऊ भूमि से भरपूर, अपार खनिज संपदाओं से युक्त और सबसे बढ़कर 70 करोड़ से अधिक की युवा आबादी वाले हमारे देश भारत को कॉरपोरेट लूट व मुनाफे के लिए "लेबर चौराहे" में तब्दील कर दिया गया...

मोदी की गारंटी: भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

मतदान की शुरुआत होने में जब महज पांच दिन बचे थे तब कहीं जाकर मौजूदा सत्ता पार्टी भाजपा ने अपना “चुनाव घोषणापत्र” जारी किया। उपभोक्ताओं को लुभाने वाली मार्केटिंग की शैली में लिखे चुस्त खोखले संवादों, अनुपलब्धियों और विफलताओं...

बीजेपी को हराने की बहुजन संगठनों ने की अपील

(लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। और राजनीतिक दल और उसके नेता अपने पक्ष में मत हासिल करने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं। लेकिन इस बीच देश और समाज में कार्यरत तमाम तरह के सामाजिक संगठन...

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

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भारत में जाति: मालिकाने बदले लेकिन श्रमिकों के हाथ नहीं !

भारतीय समाज के हर पहलू में जातिवाद का जहर घुला दिखता है। अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज, अकादमी, संस्कृति, खान-पान और...