सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अब हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को धमकाने पर उतर आये हैं। शायद वे सोच रहे हैं कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस या जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत जैसे मामले हैं प्रवासी मजदूरों के, जो मैनेज हो जायेंगे। तुषार मेहता की...
कोरोना संकट की आड़ में जैसे श्रम क़ानूनों को लुगदी बनाया गया, क्या वैसा ही सलूक अब न्यायपालिका के साथ भी होना चाहिए? क्योंकि बक़ौल सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, देश के 19 हाईकोर्ट्स के ज़रिये ‘कुछ लोग समानान्तर सरकार’...