अमेरिकी विरोधाभास: गुलाम बनाने से मुक्तिदाता होने तक का ढोंग

संयुक्त राज्य अमेरिका को अक्सर स्वतंत्रता और लोकतंत्र का अग्रदूत कहा जाता है, लेकिन इस महानता की चमक के पीछे…

ट्रंप-मस्क तकरार से अमेरिका में क्रोनी पूंजीवाद का चेहरा बेनक़ाब 

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच चल रही सार्वजनिक तकरार सिर्फ दो प्रभावशाली और अहंकारी व्यक्तित्वों की लड़ाई नहीं…

विशेष रिपोर्ट: बिहार की पूरी जनता के लिए एनआरसी है चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान यानि एसआईआर

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किया गया विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision…

नागरिक या सत्ता के ख़िलाफ़ युद्ध?: वैश्विक लोकतांत्रिक देशों के लिए ज़िम्मेदारी तय करने का समय

आज के परस्पर जुड़े विश्व में मौत चाहे भूख, ग़रीबी, गोलियों या बमों से हो — उसे किसी एक धर्म,…

बिहार चुनाव के साथ ही देश में लोकतंत्र के खात्मे की तैयारी 

जी हाँ, चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 के…

आखिर फिर आ गयी संविधान परिवर्तन की जबान पर बात

आखिर असलियत एक बार फिर सामने आ ही गयी। आरएसएस के शीर्ष नेताओं में शामिल दत्तात्रेय होसबोले ने एक बार…

प्रेस पर बर्बरता : ‘इमरजेंसी’ के खिलाफ भाषण के बीच बनारस में घोंट दी गई लोकतंत्र की गर्दन, छह पत्रकारों पर मुकदमे का फंदा !

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में इन दिनों लोकतंत्र की असलियत और सत्ता की नीयत दोनों कटघरे…

आपातकाल: सच साबित हो रही है आडवाणी की आशंका! 

आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का पांच दशक पुराना एक स्याह और शर्मनाक अध्याय…..एक दु:स्वप्न…एक मनहूस और त्रासद कालखंड! दस साल…

आपातकाल: तथ्य और भ्रांतियां

लोकतंत्र में आपातकाल अपने आप में एक डरावना शब्द है जो लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन को इंगित करता है। कोई…

इंदिरा की घोषित इमरजेंसी बनाम मोदी की अघोषित इमरजेंसी- एक ज़रूरी तुलना

भारत के लोकतंत्र में इमरजेंसी एक ऐसा शब्द है, जो आज भी डर और चिंता पैदा करता है। 1975 में…