Thursday, March 28, 2024

democracy

मुद्दा क्या है ! ‘घनचक्करों’ और ‘धनचक्रों’ का तिकड़म ताल: मुद्दा है लोकतंत्र अब हो बहाल!

गिने-चुने दिन रह गये हैं। आम चुनाव 2024 सामने है। विभिन्न राजनीतिक दल और गठबंधन अपने-अपने चुनावी कार्य-क्रम और कार्य-सूची (एजेंडा) बनाने में जुटे हुए हैं। चुनावी मुद्दा की सूची तैयार कर रहे हैं। इस समय काम चल रहा...

आक्रमण और अतिक्रमण के बीच लोकतंत्र का संक्रमण

शुभकरण सिंह की शहादत और सौ-दो-सौ अधिक आंदोलनकारियों के आहत होने के बाद परेशान किसान आंदोलन अपना अगला कार्य-क्रम बना रहा है। मुआवजा, हर्जाना, घेराव, प्रदर्शन आदि के अलावा लोकतंत्र में और क्या उपाय होता है! किसान आंदोलन अहिंसा...

गिरोही चरित, छल-छलावा-छर्रा का खन-खन और छम-छम के माहौल में लोकतंत्र बेदम

अभी-अभी देश में इतने धूमधाम से धीर, उदात्त ललितचरित के आदर्श- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है और इधर पूरे देश में जैसे कोलाहल मचा हुआ है। एक तरफ औद्धत्य है तो एक तरफ आंदोलन है! प्रतिष्ठित (अच्छे से...

खेल-खेल में, क्या खेल हुआ! लोकतंत्र क्या, फेल हुआ!

नौवीं बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं। बिहार विधान सभा के अंदर सरकार में विश्वासमत के प्रति राजनीतिक आस्था के पराक्रम का प्रयास पराकाष्ठा पर चल रहा है। जब राजनीतिक उलट-पलट का खेल चल ही रहा है, तो नागरिक...

चंडीगढ़ मेयर चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे, रिटर्निंग ऑफिसर पर केस होना चाहिए

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पूरी प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीखी टिप्पणियां कीं। मेयर चुनाव के मामले को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने मामले को सुना। चीफ जस्टिस ने प्रिजाइडिंग ऑफिसर का...

राष्ट्रीय मतदाता दिवस: लोकतंत्र को भाता, जागरूक मतदाता

25 जनवरी यानी राष्ट्रीय मतदाता दिवस को भारत के मतदाताओं को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए यह प्रण अवश्य  करना चाहिए कि वे देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने और लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के...

हक और अधिकार का सवाल: लोकलुभावन राजनीति के फांस में लोकतंत्र और लोकदेव

याद करें लंदन की संसद में 5 मई, 1789 की तारीख को। ‘न्याय के शाश्वत नियमों’ के उल्लंघन, संसदीय विश्वास के साथ दुराचार और भारतवासियों पर अत्याचार के आरोपों के चलते वारेन हेस्टिंग्ज पर एडमंड बर्क ने महाभियोग लगाया...

अयोध्या बनाम अनइंप्ल्वायमेंट का एजेंडा

मामला अयोध्या बनाम अनइंप्ल्वायमेंट का है। यानि मंदिर बनाम बेरोजगारी। दस साल के आखिर में जब केंद्र की मोदी सरकार को देश में रोजगार, महंगाई और स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी उपलब्धियों पर जनता को जवाब देना था तब उसने...

लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्‍यों को बचाने के लिए जरूरी है सावित्री बाई फुले की विचारधारा

आज जब लोकतंत्र पर अघोषित तानाशाही हावी होती जा रही है और संवैधानिक मूल्‍यों की उपेक्षा की जा रही है तथा महिलाओं खास कर दलित और वंचित वर्ग की महिलाओं और दलितों-आदिवासियों के साथ गैर-बराबरी का व्‍यवहार किया जा...

विश्व गुरू नहीं मजदूरों का अंतरराष्ट्रीय सप्लायर केंद्र बन रहा है भारत

यह अजीब विडंबना है कि देश के लोकतंत्र को 75 साल से ऊपर हो गए हैं। लेकिन जो पचहत्तर सालों में नहीं हुआ वह इस दौर में देखने को मिल रहा है। देश का प्रधानमंत्री एक मंदिर के सामने...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...