Tag: democracy
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अयोध्या बनाम अनइंप्ल्वायमेंट का एजेंडा
मामला अयोध्या बनाम अनइंप्ल्वायमेंट का है। यानि मंदिर बनाम बेरोजगारी। दस साल के आखिर में जब केंद्र की मोदी सरकार को देश में रोजगार, महंगाई और स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी उपलब्धियों पर जनता को जवाब देना था तब उसने देश के सामने मंदिर के मुद्दे को लाकर खड़ा कर दिया है। दो करोड़ रोजगार के…
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लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए जरूरी है सावित्री बाई फुले की विचारधारा
आज जब लोकतंत्र पर अघोषित तानाशाही हावी होती जा रही है और संवैधानिक मूल्यों की उपेक्षा की जा रही है तथा महिलाओं खास कर दलित और वंचित वर्ग की महिलाओं और दलितों-आदिवासियों के साथ गैर-बराबरी का व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे समय में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले को याद करना जरूरी हो जाता है। शिक्षिका,…
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विश्व गुरू नहीं मजदूरों का अंतरराष्ट्रीय सप्लायर केंद्र बन रहा है भारत
यह अजीब विडंबना है कि देश के लोकतंत्र को 75 साल से ऊपर हो गए हैं। लेकिन जो पचहत्तर सालों में नहीं हुआ वह इस दौर में देखने को मिल रहा है। देश का प्रधानमंत्री एक मंदिर के सामने खड़ा होकर देशवासियों से वोट की भीख मांग रहा है। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बदले…
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दुनिया भर में बेनकाब होता पूंजीवादी लोकतंत्र, संसदीय गतिरोध में दिखा मोदी सरकार का ‘लोकतंत्र’
यह दौर अपने आप में कितना भयावह है इसकी झलक हम भारत में तो देख ही रहे हैं, लेकिन समूची दुनिया भी इससे दो-चार हो रही है। कल तक पश्चिमी देशों का यही तर्क अपने नागरिकों को अमीर-गरीब के वर्गीय विभेदों के बावजूद आश्वस्त करता था कि कम्युनिस्ट देशों की तुलना में हमारे पास अभिव्यक्ति…
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महुआ नहीं, संसद हुई है कलंकित
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में शुक्रवार को एक और काला पन्ना जुड़ गया। यह इबारत कहीं और नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी पंचायत के गर्भगृह में उस समय लिखी गयी। जब भरी सभा में एक बिल्कुल बेकसूर महिला से उसकी संसद सदस्यता छीन ली गयी। सदन का पूरा दृश्य महाभारत से पहले हुए कौरवों…
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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद लोकतंत्र और कानून के राज का भविष्य
पांच राज्यों के चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भाजपा ने हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में जीत हासिल की है। ऐसे समय में जब किसी को भाजपा के जीत की उम्मीद नहीं थी। चुनाव पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों को निराश हाथ लगी है। इसलिए हमें इस जीत के करको पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। चौतरफा…
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भारत के चुनावों को करोड़पतियों ने किया हाईजैक, दलबदल से खतरे में लोकतंत्र
हमारे देश के चुनावों को करोड़पतियों ने हाईजैक कर लिया है। जितने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरते हैं उनमें से बहुसंख्यक करोड़पति होते हैं। चूंकि वे स्वयं करोड़पति होते हैं इसलिए वे चुने जाने के बाद करोड़पतियों के हितों का ही ख्याल रखते हैं। अब यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि भारतीय…
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वाराणसी: सच लिखने पर संपादक पर मुकदमा, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर पर दबाव बनाने का आरोप
वाराणसी। लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथा स्तम्भ माना जाता है, यहां तक कि जब कहीं सुनवाई नहीं होती है तो लोग चाहते हैं कि उनकी समस्या समाचार पत्रों में छप जाए। डिजिटल युग में न्यायालय प्रिंट मीडिया में छपी खबर को साक्ष्य मान लेता है। जब विपक्षी नेताओं का सत्ता उत्पीड़न करती है तो उन्हें भी…
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संविधान से छेड़छाड़ का खतरा टला नहीं है, आने वाले महीने लोकतन्त्र के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण
पिछले दिनों जब अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया, तो उसके एजेंडा को लेकर देश में तरह तरह की आशंकाएं तैरने लगीं थीं। बहरहाल, इसमें मोदी जी महिला आरक्षण का ‘सरप्राइज’ लेकर आये। डरे हुए देश ने राहत की सांस ली। दरअसल, लोगों के लिए महिला आरक्षण से बड़ा सुखद ‘ सरप्राइज ‘ यह…
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अहमदाबाद: मुस्लिम संगठनों और सिविल सोसाइटी ने रमेश विधूड़ी के खिलाफ स्पीकर से कार्रवाई करने की मांग
अहमदाबाद। देश की नई संसद में बीजेपी सांसद द्वारा बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के लिए अभद्र और असंसदीय भाषा के उपयोग के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा केवल चेतावनी देकर मामले को रफा-दफा करने से मुस्लिमों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आज अहमदाबाद के मुस्लिम संगठनों और सिविल सोसाइटी…