अहमदाबाद: मुस्लिम संगठनों और सिविल सोसाइटी ने रमेश विधूड़ी के खिलाफ स्पीकर से कार्रवाई करने की मांग

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अहमदाबाद। देश की नई संसद में बीजेपी सांसद द्वारा बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के लिए अभद्र और असंसदीय भाषा के उपयोग के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा केवल चेतावनी देकर मामले को रफा-दफा करने से मुस्लिमों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आज अहमदाबाद के मुस्लिम संगठनों और सिविल सोसाइटी द्वारा आपात कालीन बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्व सम्मति एक प्रस्ताव पास किया। प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा जाएगा। प्रस्ताव के द्वारा लोकसभा अध्यक्ष से मांग की गई है कि बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की सदस्यता समाप्त की जाए और बिधूड़ी के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जाए।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता कलीम सिद्दीक़ी ने कहा “जो संसद में हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी सांसद रमेश बिघूड़ी ने अभद्र भाषा बोली वह केवल कुंवर दानिश अली के खिलाफ नहीं थी। वह गाली पूरी मुस्लिम कौम को दी गई है।

बिधूड़ी द्वारा संसद में इन शब्दों का प्रयोग बीजेपी हाई कमान की मर्जी से बोले गए हैं। 2024 से पहले बीजेपी ने संसद में अपने नफरती एजेंडे को रिफ्रेश किया है। मुसलमानों के खिलाफ घृणा फैला कर वोट लेना उनकी पुरानी रणनीति है। बिघूड़ी ने लोकतंत्र और संविधान को चुनौती दी है। इनके नफरती एजेंडों के खिलाफ आवाज़ उठाना जरूरी हो गया है।

प्रोफेसर हेमंत शाह ने कहा “सांसद कुंवर दानिश अली को संसद में आतंकवादी कहा गया। ऐसे शब्द का प्रयोग किया गया जो मैं यहां कह नहीं सकता। असल में को लोग सरकार का विरोध करते हैं। इनकी विचारधारा के विरोधी हैं। इनके लिए सभी आतंकवादी हैं। ये घटना जो हुई ऐसे ही नहीं हुई। ये एक सोची समझी रणनीति है। मैं हमेशा कहता हूं और आज भी कह रहा हूं कि खतरे में धर्म नहीं खतरे में नागरिकों की आजादी है”।

जमाते इस्लामी हिंद के तरफ से वासिफ अली ने प्रस्ताव को समर्थन देते हुए कहा अब समय आ गया है जब संवैधानिक मूल्यों में यकीन रखने वाले एक साथ आएं और देश हित में नफरती शक्तियों को जवाब दें”

अल्पसंख्यक अधिकार मंच के शमशाद पठान ने कहा “सड़कों और मोहल्लों का नाम बदलने वाले संसद को बदलकर देश की व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था खड़ी करना चाहते हैं। बिधूड़ी ने पार्लियामेंट में जिन शब्दों का प्रयोग किया है। उस से लगता है। वह अन्य धर्म और अलग विचार नहीं चाहते हैं”

माइनॉरिटी कॉऑर्डिनेशन कमिटी के मुजाहिद नफीस ने प्रस्ताव पढ़कर सुनाया जिसे उपस्थित लोगों ने सर्व सम्मति से पास किया। प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा। रमेश बिधूड़ी द्वारा कुंवर दानिश अली पर हुए शाब्दिक हमले के संदर्भ में पारित प्रस्ताव के मुख्य मुद्दे निम्नलिखित है।

• रमेश बिधूड़ी द्वारा दानिश अली पर भाषा के उपयोग के संदर्भ में कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।

• रमेश बिघूड़ी का दानिश अली पर शाब्दिक हमला केवल दानिश अली पर नहीं है। ये हमला देश के हर नागरिक पर है।

• लोकसभा अध्यक्ष द्वारा जिस प्रकार से पूर्व में विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उसी प्रकार रमेश बिधूड़ी पर कार्रवाई नहीं होती है तो माना जाएगा कि लोकसभा में कानून का शासन नहीं है। लोकतंत्र को बचाने के लिए कानून का शासन बनाए रखना जरूरी है।

• संविधान का अनुच्छेद 14 हर नागरिक को बराबरी का अधिकार देता है। यदि रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।

• सरकार नागरिकों में भेदभाव न करे। यदि भेदभाव करती है तो लोकतंत्र कमज़ोर होगा

• धर्म नहीं नागरिकों की आज़ादी खतरे में है। इसलिए सभी धर्म के नागरिकों को एक होकर अपनी आज़ादी को बचाने के लिए लड़ना पड़ेगा।

उपस्थित लोगों के प्रस्ताव को समर्थन देने के लिए पत्र पर हस्ताक्षर भी किए जो कल लोकसभा अध्यक्ष को भेज दिया जाएगा।

(कलीम सिद्दीकी पत्रकार एवं एक्टिविस्ट हैं।)

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