Wednesday, June 7, 2023

Dalits

लोकतंत्र बचाओ समागम: बहुसंख्यकवाद की राजनीति में दलितों-आदिवासियों का बढ़ा उत्पीड़न

रांची। देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को समझने और बदलने के लिए देश भर में बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों में विचार-विमर्श का दौर चल रहा है। इसी कड़ी में झारखंड की राजधानी रांची के बगईचा में दो-दिवसीय...

यूपी में दलितों की ज़मीन पर कब्जा होगा आसान, योगी सरकार ला रही नया कानून

यूपी में दलितों की जमीन को लेकर एक नई सुगबुगाहट देखने को मिल सकती है। योगी सरकार ने यूपी टाउनशिप नीति 2023 को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत एससी, एसटी की जमीन लेने के लिए अब डीएम...

700 शहादतें एक हत्या की आड़ में धूमिल नहीं हो सकतीं

11 महीने पुराने किसान आंदोलन जिसको 700 शहादतों द्वारा सींचा गया व लाखों किसानों के खून-पसीने के निवेश को एक धार्मिक मुद्दे को लेकर हुई हत्या की आड़ में खत्म नहीं किया। हत्या की भर्त्सना करिये।आरोपी के लिए कड़ी...

महिलाओं और दलितों की दुर्दशा प्रशासनिक विफलता नहीं, सत्ता की राजनीतिक सफलता है: शैलेन्द्र शैली व्याख्यान में संध्या शैली

शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2021 में बोलते हुए अखिल भारतीय जनवादी की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुश्री संध्या शैली ने अनेक संवैधानिक प्रावधानों और संरक्षणों के बावजूद महिलाओं और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों की वजहें गिनाई। मध्यप्रदेश में दलितों और महिलाओं...

2020 के कई कानूनों से समुदायों में बढ़ा भेदभाव, देश का सामाजिक तानाबाना भी हुआ कमज़ोर

पिछले अनेक दशकों से भारत में सांप्रदायिक दंगे, सांप्रदायिक तनाव और हिंसा का सबसे आम प्रकटीकरण रहे हैं। देश में अनेक भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, जिनमें नेल्ली (1983), दिल्ली सिक्ख-विरोधी हिंसा (1984), भागलपुर (1989), बंबई (1992), गुजरात (2002),...

उत्पीड़न के हर रूप के खिलाफ रोहित वेमुला बन गए हैं संघर्ष के प्रेरणा स्रोत

आज ही के दिन, यानी 17 जनवरी को ही, 2016 में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या की गई थी। यह हत्या एक दिन में नहीं हुई थी, बल्कि कई महीनों के शोषण और...

जीभ हाथरस की बिटिया की कटी, गूंगा हो गया सारा देश!

अब वह जमाना चला गया जब लोग बेटा होने पर खुश होते थे और बेटी होने पर मायूस हो जाते थे। अब तो हर घर में बेटियां एक परी की तरह मां-बाप, भाई-बहन, दादा-दादी सबका प्यार पाती हैं। पिता...

जन्मदिन विशेषः पेरियार ललई सिंह यादव थे बुद्ध, पेरियार और आंबेडकर की वैचारिकी के वाहक

कांग्रेस (1885) द्वारा ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष शुरू करने से करीब एक दशक पहले जोतीराव फुले (11 अप्रैल, 1827-28 नवंबर, 1890) ने वर्ण-जाति व्यवस्था और पितृसत्ता के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत कर दी थी। 1873 में प्रकाशित फुले...

नयी शिक्षा नीतिः दलित-गरीब बच्चों को कामगार बनाने की कवायद

राइट टू एजुकेशन फोरम, बिहार की कोर कमिटी ने नयी शिक्षा नीति को जिस तरह से लागू किया गया है, उसकी तीखी आलोचना की है। कोर कमेटी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि शिक्षा नीति जैसे विचार और बहस के...

देश के 32 लाख हथकरघा कामगारों के सामने भुखमरी के हालात

वो मई का महीना था, जब दिल्ली के सीलमपुर से आशा नाम की एक महिला ने मेरे मोबाइल नंबर पर फोन कर कहा था, “राशन दिलवा दीजिए नहीं तो हम भूखे मर जाएंगे। मेरे बच्चे तीन दिन से भूखे...

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पहलवान अभी भी डटे हैं, बृजभूषण मामले में अब भाजपा भी बंटी

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली नाबालिग पहलवान...