हर बीतते दिन के साथ दिल्ली की सीमाओँ पर चल रहे किसान संघर्ष के असंख्य आयाम अब तक काफी खुल कर सामने आ चुके हैं और यह भी साफ है कि आने वाले दिनों में इसके और भी नये-नये...
‘उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी भीख निदान’ की पुरानी उक्ति अब कृषि प्रधान देश में पूर्णरूप से उलट गई है। खेती-किसानी घाटे का सौदा हो गया है। देश अन्न के मामले में तो आत्मनिर्भर हो गया है; लेकिन...