‘बड़ों के वर्चस्व’ का इनकार और ‘छोटों के सर्वस्व’ के स्वीकार का मार्मिक और न्याय संगत आश्वासन है लोकतंत्र
मतदान के लिए मन बनाते समय आम नागरिकों को किसानी अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याओं, सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती हुई महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं [more…]