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विचारधाराओं का संघर्ष न हो तो राजनीति कैसी?
विचारधाराओं का द्वंद्व, इससे उत्पन्न होने वाला सच, इस सच से एक नई सिंथेसिस का जन्म और फिर से एक बड़े सच के लिए संघर्ष। क्या ऐसे रचनात्मक संघर्ष के बगैर राजनीति का कोई महत्व है भी? क्या इसके बगैर राजनीति में समाज के विभिन्न वर्गों के हितों का सही प्रतिनिधित्व संभव है भी? क्या…
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विपक्षी एकता की तस्वीर तो बनी हुई है, चुनौती है उसमें रंग भरने की
आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने के लिए 14 विपक्षी दलों के नेताओं का एक साथ बैठना वैसे तो कोई बड़ी घटना नहीं है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक माहौल में इसे कमतर भी नहीं माना जा सकता। भाजपा की ओर से इस बैठक के पहले विपक्षी दलों पर बेहद भद्दी भाषा में…
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विपक्ष का जमा-खर्च घाटे में क्यों है?
गैर-भाजपा दलों की मुश्किल यह है कि वे जितनी राजनीतिक पूंजी कमाते हैं, जल्द ही उससे ज्यादा खर्च कर डालते हैं। नतीजा यह होता है कि भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने के लिए जो ‘राजनीतिक’ या वैचारिक ताकत चाहिए, उसे वे बना नहीं पाते। इसके बाद उनके लिए राजनीति का मतलब जोड़-घटाव बन जाता…
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विपक्षी एकता की संभावना पर छाए संदेह के बादल छंटने लगे
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को लेकर छाए संदेह और अनिश्चितता के बादल छंटने लगे हैं। इस बात के संकेत एक मार्च को चेन्नई में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर आयोजित जलसे में मिले हैं। इस जलसे में कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के…
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मुफ्त उपहार में केंद्र सरकार के टैक्स हॉलीडे, बैड लोन की छूट पर भी विचार किया जाना चाहिए : डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके)ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों को टैक्स छूट देना, प्रभावशाली उद्योगपतियों के डूबे कर्ज की माफी, पसंदीदा समूहों को महत्वपूर्ण ठेके देना आदि मुफ्त उपहार है या नहीं इस भी विचार करे क्योंकि इसे अछूता नहीं छोड़ा जा सकता। उच्चतम न्यायालय में आम आदमी पार्टी…