Thursday, April 25, 2024

Faiz Ahmad Faiz

आज का दौर न राजा-रानियों का है न फासिस्टों का, यह बोलने के साहस का दौर है

फैज अहमद फैज पर उनके देश में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जेल शहर से बाहर था। उनकी कोर्ट में पेशी थी। कोर्ट शहर में था। उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लाने वाली गाड़ी खराब हो गई।...

शब्दों की रौशनी से मिली आज़ादी कहां गई?

लाल किले के प्राचीर से हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को इस बात का बखान करते हैं कि अब हम आज़ाद देश हैं और विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हर साल...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...