पुस्तक समीक्षा: हम क्यों पढ़ें ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’?

“दुनिया ने तजुरबात-ओ-हवादिस की शक्ल में, जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूं मैं।” ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’…

‘आतंकवादी का फर्ज़ी ठप्पा’: राज्य व्यवस्था की क्रूरता की सच्ची दास्तां

भारतीय राज्य व्यवस्था के बेपर्दा और क्रूर चेहरे को करीब से देखना हो तो मोहम्मद आमिर ख़ान की किताब (साथ…