Thursday, April 18, 2024

Farmers Movement

अपनी जगह अन्नदाता के ‘मन की बात’ सुनें पीएम

कृषि कानूनों का विरोध देशव्यापी हो गया है। देश भऱ के किसानों ने आज ताली-थाली बजाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का विरोध किया। किसानों ने कहा कि उन्हें अपने मन की बात करने की जगह...

योगी की जिद पर भारी पड़ा बंद समर्थकों का हौसला! लाठीचार्ज, नजरबंदी और गिरफ्तारियों में बीता दिन

कृषि के काले कानूनों के खिलाफ आज किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। अन्नदाता की इस लड़ाई को कमजोर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरा जोर लगा दिया। विपक्ष के कई नेताओं को उनके...

केंद्र कृषि कानून वापस लेने के मूड में नहीं, किसान फैसला होने तक डटे रहने पर अडिग

मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ शुरू हुए किसानों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और फिर दिल्ली घेराव के बाद सरकार को मजबूरन बातचीत के लिए झुकना तो पड़ा, किंतु अब तक इस बातचीत से कोई...

किसानों के मुद्दे पर जन गोलबंदी तेज, संगठनों ने अलग-अलग तरीके से की पहल

प्रधानमंत्री द्वारा नाटकीय ढंग से किसानों की मांग को विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही ‘गलतफहमी’ बताए जाने की कड़ी निंदा करते हुए एआईकेएससीसी वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि ये दरअसल उन कानूनों से ध्यान हटाने का प्रयास है,...

दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर लाखों किसानों का जमावड़ा, आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने की ठानी

तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का देशव्यापी आंदोलन केंद्र की मोदी सरकार की पूरी कोशिशों के बावजूद नहीं थम सका है। दिल्ली न घुसने देने की हरसंभव कोशिश को किसानों के बड़े समूह ने नाकाम कर दिया...

हरियाणा: किसान आंदोलन से घबराई सरकार, दिल्ली मार्च को नाकाम करने के लिए जगह-जगह गिरफ्तारियां

चंडीगढ़/रोहतक। किसानों के 26-27 नवंबर के प्रस्तावित दिल्ली मार्च को नाकाम करने के लिए हरियाणा में किसान-मज़दूर नेताओं की ताबड़तोड़ गिरफ़्तारियां जारी हैं। किसान और खेत मज़दूर नेताओं-एक्टिविस्टों की तलाश में आधी रात में शुरू हुए पुलिस छापे दिन...

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शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।