Sunday, March 26, 2023

forest

बंजर जमीन पर वनीकरण की हकीकत

क्षतिपूरक वनीकरण हास्यास्पद कवायद बन गई है। इसके अंतर्गत बंजर और पथरीली जमीन पर पौधे पनपाने की कोशिश होती है जिस जमीन पर पहले कभी कुछ नहीं पनपा। विभिन्न विकास योजनाओं की वजह से हुए वन-विनाश की क्षतिपूर्ति करना...

झारखंड: जंगल बचाने उतरीं गांव की महिलाएं, बनाई महिला वनाधिकार समिति

झारखंड। गढ़वा जिला के बरगढ़ प्रखंड के कला खजुरी गांव की महिलाओं ने वन संरक्षण यानी जंगल बचाने को लेकर एक महिला वनाधिकार समिति का गठन किया है। वैसे तो यह समिति पंजीकृत नहीं है कि इसको किसी भी...

यूपी: ‘लापता जंगल’ की तलाश में निकले बुलडोज़र ने आदिवासियों के घर-खेत रौंदे

ग्राउंड रिपोर्ट चकिया। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के चकिया में आदिवासी-वनवासियों समेत कई परिवारों को जंगल में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है। प्रदेश की योगी सरकार की ओर से उनकी जमीन खाली करवाई जा...

लखीमपुर खीरी के 32 गांवों के अस्तित्व पर संकट, सरकार ने थमाई जमीन खाली करने की नोटिस

लखीमपुर खीरी की बंजर जमीन को तोड़कर अपनी मेहनत से सोना उगलने वाली धरती में तब्दील कर देने वाले किसानों को उसी ज़मीन से विकास, अतिक्रमण, बफर जोन, हाथी और गैंडा गलियारा के नाम पर बेदखल करने की कोशिश...

आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन के अधिकारों पर सीधा हमला है छत्तीसगढ़ के पेसा और केंद्र के वन संरक्षण नियमों में बदलाव:संगठन

बस्तर। छत्तीसगढ़ के कांकेर में विगत माह आदिवासी इलाकों में स्वशासन के लिए ज़रूरी पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत उपबंध का विस्तार) कानून के नियम लागू कर दिए गए। लम्बे समय से पेसा नियमों की मांग की जा रही...

मुख्यमंत्री के वादों के बावज़ूद झारखंड के आदिवासी-मूलवासी वन अधिकार से वंचित

सत्तारूढ़ दल झामुमो और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में वन अधिकार कानून को सही से लागू करने एवं जंगल में रहने वाले आदिवासी-मूलवासियों को वन पट्टा देने व जंगल पर पूर्ण अधिकार देने का वादा किया था। सरकार...

पांच सौ से ज्यादा लोग जुटे आशारोड़ी को बचाने के लिए

देहरादून। देहरादून के जंगलों को काटने का जो आंदोलन शुरू में बहुत कमजोर प्रतीत हो रहा था, वह अब मजबूत रूप ले रहा है। हालांकि अब तक शासन-प्रशासन की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है।...

ग्राउंड रिपोर्ट: कैमूर के आदिवासियों ने भरी हुंकार, कहा- बाघ अभ्यारण्य नहीं बनने देंगे

कैमूर। ‘‘जल-जंगल-जमीन हम आपका, नहीं किसी के बाप का’’, ‘‘जल-जंगल-जमीन हमारा है, वन विभाग की जागीर नहीं’’, ’‘ ये धरती सारी हमारी है, जंगल-पहाड़ हमारे हैं’’, ‘‘ लोकसभा न विधानसभा, सबसे ऊपर ग्रामसभा’’, ‘‘बाघ अभ्यारण्य को हटाना है, जल-जंगल-जमीन...

जंगलों और पारिस्थितिकी के लिए खतरे की घंटी है वन संरक्षण कानून 1980 में प्रस्तावित संशोधन

हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर प्रकाशित मसौदा दस्तावेज पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यावरणवादियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी आपत्तियां जाहिर की हैं।...

छत्तीसगढ़:आदिवासियों ने शुरू की प्रदेश स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी

कांकेर (बस्तर)। आदिवासी समाज ने सोमवार को जिले के नेशनल हाइवे 30 कुलगाँव और चारामा के पास बैठ कर अपने प्रदेश स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की। चारामा में आदिवासियों के जमा होने की वजह से मालगाड़ियों के साथ...

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यह इमर्जेंसी का नहीं, पाकिस्तानी सियासत का ‘रिपीट’ नजर आता है

बहुत सारे लोग आज के राजनीतिक दौर की तुलना सन् 1975-77 के दौर की ‘इमर्जेंसी’ से कर रहे हैं।...