तथाकथित सभ्यता की दरारों में संवेदनहीन समाज की पालकी ढोती बेनाम, बेआवाज़ और अदृश्य ज़िंदगियों की ‘स्वर्ग से विदाई’
मेहनतकश लोगों के बारे में हमारी व्यवस्था किस हद तक असंवेदनशील है, इसे अचानक लागू किए गए लॉकडाउन के निर्णय से समझा जा सकता है। [more…]
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मोदी जी देखिए हर्ष गोयनका गोरख पांडे की कविता ट्वीट कर रहे हैं। यह गुड साइन नहीं है। उद्योगपति गोरख पांडे की कविता पढ़ने लग [more…]