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संस्कृति-समाज

जन्मदिवस पर विशेष: अपने जीते जी गाथा पुरुष बन गए हबीब तनवीर

बीसवीं सदी के चौथे दशक में मुल्क के अंदर तरक़्क़ी-पसंद तहरीक अपने उरूज पर थी। इप्टा के नाटक अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता और सरोकारों के चलते [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन विशेषः हबीब तनवीर ने कह दिया था सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फिल्मों को अलविदा

आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितंबर, 1923 को [more…]