कोरोना के दौर में हाउसफुल तख्तियों के साथ वैचारिक नाटक!

एक ऐसे समय जब विकार का बोलबाला है…विकार  आस्था, धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ विचार पर तांडव कर रहा…