Tuesday, April 23, 2024

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‘खेल रत्न’ से क्यों जुदा हुआ ‘भारत रत्न’?

मेजर ध्यानचंद अपनी मौत के 42 साल बाद भी खेलों की प्रेरणा बनने को जिन्दा हैं तो यही उनकी अहमियत है। मगर, 1928 में ही ओलंपिक में 14 गोल कर ‘हॉकी के जादूगर’ का तमगा ले चुके इस अजर-अमर...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...