Friday, March 29, 2024

indian judiciary system

न्यायपालिका में SC,ST और OBC के समुचित प्रतिनिधित्व के बिना कानून का राज संभव नहीं 

विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों में बंटे समाज में कानून का शासन, ऐसी न्यायिक व्यवस्था के द्वारा ही संभव है, जिसमें सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व हो। जजों और कर्मचारियों की नियुक्तियां, विभिन्न वर्गों और संप्रदायों के बीच से, उनकी...

अब हिंदू-मुस्लिम के आधार पर होता अदालती न्याय

अहमदाबाद : 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट में 21 जगह सीरियल बॉम्ब ब्लास्ट से अहमदाबाद ही नहीं पूरा देश दहल गया था। 13 साल 6 महीने के बाद अहमदाबाद सेशन कोर्ट के जज अंबालाल आर. पटेल ने 38...

सुप्रीम कोर्ट में मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित 2,879 याचिकाएं लंबित: सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने नवम्बर 2020 में देशभर के हाईकोर्ट को रिमाइंडर जारी करके कहा था कि फैसलों में देरी अनुच्छेद-21 के तहत संविधान में मिले जीवन के मूल अधिकार का उल्लंघन है। न्यायिक अनुशासन के लिए निर्णय लेने में...

अदालतों से एक छोटा सा सवाल

सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज जब किसी लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को सुनने के बाद अगर फैसले को खारिज करते हैं तो अक्सर कहते हैं कि जज डिड नॉट अप्लाई हिज माइंड, यानी जज...

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ग्राउंड रिपोर्ट: चुवांड़ी खोदकर पानी पीने को मजबूर पलामू की परहिया जनजाति

झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत रामगढ़ प्रखण्ड का एक गांव है मरगड़ा। आदिम जनजाति परहिया के 60 परिवारों वाला...