Thursday, March 28, 2024

सुभाष चंद्र कुशवाहा

प्रेमचंद: किसान-मजदूर और पिछड़े-दलितों के प्रतिनिधि रचनाकार 

आज महान कथा सम्राट और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद का 143वां जन्मदिन है। महज 56 वर्ष की उम्र में 15 उपन्यास, 300 के लगभग कहानियां, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें तथा हजारों पृष्ठों के समसामयिक आलेख, सम्पादकीय, भाषण, भूमिका,...

न्यायपालिका में SC,ST और OBC के समुचित प्रतिनिधित्व के बिना कानून का राज संभव नहीं 

विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों में बंटे समाज में कानून का शासन, ऐसी न्यायिक व्यवस्था के द्वारा ही संभव है, जिसमें सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व हो। जजों और कर्मचारियों की नियुक्तियां, विभिन्न वर्गों और संप्रदायों के बीच से, उनकी...

वर्ण-जाति और वर्ग की घोर असमानता की खाई में समान नागरिक संहिता की मंशा क्या है?

समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड यानी यूसीसी) की चर्चा को चुनाव पूर्व गर्मा दिया गया है। वजीर ने शंखनाद किया है, प्यादे झुनझुना बजा रहे हैं। एक राष्ट्र में एक कानून क्यों नहीं, बताया जा रहा है। भाई,...

राहुल गांधी और उनके संघर्षों को कैसे देखें?

भारतीय राजनीति में कांग्रेस और नेहरू खानदान की प्रासंगिकता के साथ-साथ, उनकी कमियां और बहुत सारी कमजोरियां रही हैं। नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ इण्डिया के भारत की जो आधारभूत संरचना खड़ी की, जिसके साथ उन्होंने भारत की विकास की...

विचारहीनता, अवसरवाद, परिवारवाद और व्यक्तिवाद ने बहुजन राजनीति को भोथरा बना दिया

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार की जमीन पर, सदियों से सताए दलित और पिछड़ों की राजनैतिक ऊर्जा को दक्षिणपंथी विचारधारा ने छल-बल, सत्ता, खौफ और धन की ताकत से कमजोर ही नहीं किया है, अपितु अपने हितों के अनुकूल...

आज की मनहूस सुबह!

हिन्दी साहित्य के शीर्ष आलोचक, प्रो. मैनेजर पाण्डेय विगत जुलाई से बीमार थे। कोरोना से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के फोर्टीज हास्पिटल में भर्ती हुए थे। बीमारी का समाचार मिलते ही मैंने फोन मिलाया था जो उनकी पुत्र...

मॉरीशस: विदेशी धरती पर बसा एक उन्नत भारत

1598 के पूर्व मॉरीशस की धरती सुनसान थी। लगभग 90 किलोमीटर लम्बे और 40 किलोमीटर चौड़े द्वीप पर इन्सान नहीं रहते थे। सबसे पहले डच लोगों ने इस धरती को छुआ था। ऐसा अकस्मात हुआ था। वे जावा में...

लाल सिंह चड्ढा: रेलगाड़ी सी जिन्दगी में मानवीयता की तलाश

लाल सिंह चड्ढ़ा फिल्म का अनावश्यक बायकॉट के बीच हम पति-पत्नी आज महज 14 लोगों के बीच ‘लाल सिंह चड्ढा’ फिल्म देख आए। कोरोना काल में लम्बे समय के बाद थियेटर गए थे। फिल्म लम्बी थी और आईनॉक्स ने...

एक बार फिर मण्डल बनाम कमण्डल!

उत्तर प्रदेश में हर रोज राजनैतिक भूचाल के झटके लग रहे हैं। बहुजन विमर्श, जिसे विगत वर्षों में आखेट कर लिया गया था, एक बार फिर चर्चा में आ चुका है। मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे आ रहे हैं।...

‘भील विद्रोहः संघर्ष के सवा सौ सवाल’ यानि जुल्म और प्रतिकार का पहला दस्तावेज

(देश में भीलों की अलग-अलग रूपों में चर्चा होती रही है। इस बात में कोई शक नहीं कि वो जेहनी तौर पर विद्रोही और लड़ाके थे। लेकिन उनके इस पक्ष पर न तो अलग से कोई शोध हुआ और...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...