जनकवि नागार्जुन जन्म दिवस विशेष: ‘जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं’
‘जनता पूछ रही क्या बतलाऊं, जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं।’ ये पंक्तियां बाबा नागार्जुन की कविता की हैं। इसमें वे स्पष्ट शब्दों में कहते [more…]
‘जनता पूछ रही क्या बतलाऊं, जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं।’ ये पंक्तियां बाबा नागार्जुन की कविता की हैं। इसमें वे स्पष्ट शब्दों में कहते [more…]
जनकवि बल्ली सिंह चीमा किसान आंदोलन की शुरुआत से ही इसमें शामिल हैं और अपने जनगीतों से इसकी धार और पैनी करते जा रहे हैं। [more…]