जस्टिस मुरलीधर के विदाई समारोह का आयोजन दिल्ली हाईकोर्ट परिसर में आयोजित किया गया था। यह वही जज हैं जिनसे डर कर सरकार ने रातों रात उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने...
भारत के लोकतांत्रिक रूप से सर्वप्रथम निर्वाचित कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री, ईएमएस नम्बूदरिपाद की लिखी एक किताब याद आती है। किताब का शीर्षक है: क्राइसिस इन टू केओस। यह शीर्षक भारत के मौजूदा उन हालात में बिल्कुल सटीक लगता है जिनमें...
नई दिल्ली। सत्ता किस कदर दंगाइयों के पक्ष में आ गयी है उसका ताजा उदाहरण दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे जज जस्टिस मुरलीधर पर उसका फैसला है। देर रात उनका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया।...
देश की राजधानी में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के रहते हुए 1984 के दंगे की घटना को दोहराने...