Thursday, April 25, 2024

kabristan

कोरोना काल में पाताल लोक में पहुँच गयी है मानवता

वास्तव में यह व्यवस्था सड़ चुकी है, जिसमें इंसानियत व मानवता के लिए कोई जगह नहीं है। जिंदा आदमी तो दूर, यहाँ लाश को भी लोग अपनी गंदी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। आज जब पूरे...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...