अगर पिछले सात साल के गवर्नेंस की समीक्षा करें तो आप पाएंगे कि, हम एक ऐसे शासन तंत्र के अधीन शासित हो रहे हैं, जिसकी न कोई अर्थनीति है, न विदेशनीति, न गृहनीति और न ही लोककल्याण की ही...
हर तरफ गवर्नेंस की विफलता दिख रही है। महंगाई बढ़ रही है, महंगाई भत्ते कम हो रहे हैं, इलाज के अभाव में लोग मर रहे हैं। दो नए वायरस डेल्टा और कप्पा ने लोगों को तबाह करना शुरू कर...