एक टांग पर खड़ा बनारस शहर नहीं, समास है: केदारनाथ सिंह की कविता बनारस
कविता में सामान्य मनुष्य, स्थान का उल्लेख तो होता ही रहता है। किसी विशिष्ट या खास व्यक्ति या शहर आदि पर कविता कम ही देखने [more…]
कविता में सामान्य मनुष्य, स्थान का उल्लेख तो होता ही रहता है। किसी विशिष्ट या खास व्यक्ति या शहर आदि पर कविता कम ही देखने [more…]
वह एक कविता थे, लंबी सी इक तस्वीर थे, खूबसूरत सी वह एक कहानी थे, सुंदर सी एक शिक्षक थे, बेहतरीन से एक इंसान थे, [more…]
वाराणसी। कवि केदारनाथ सिंह की तीसरी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या ‘क’ कला दीर्घा में प्रो. अवधेश प्रधान की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। [more…]