यह कहते हुए कि आप भले ही 2-3 ट्रिलियन डॉलर वाली कंपनी हों लेकिन लोगों के लिए उनकी प्राइवेसी ज्यादा अहम है और उनकी प्राइवेसी की रक्षा करना हमारी ड्यूटी है, उच्चतम न्यायालय ने व्हाट्सऐप/फेसबुक से यह लिखित में देने को कहा...
बहुत दुख होता है। लोग बदल रहे हैं। पर वो खुद नहीं जानते, वो कितना बदल गए हैं? हम अक्सर खुद में होने वाले बदलाव को कहां पहचान पाते हैं? यह ठीक वैसे ही हो रहा है।
एक नफरत धीरे-धीरे...