मजदूर दिवस पर विशेष: क्या मज़दूर वर्ग की परिभाषा बदल रही है?
सुबह-सुबह दो कामगार निकलते हैं,एक के कंधे पर कुदाल,दूसरे पर लैपटॉप,कुदाल वाला तो,शाम होते-होते घर लौट आता है,लेकिन लैपटॉप वाले काघर आने का कोई समय [more…]
सुबह-सुबह दो कामगार निकलते हैं,एक के कंधे पर कुदाल,दूसरे पर लैपटॉप,कुदाल वाला तो,शाम होते-होते घर लौट आता है,लेकिन लैपटॉप वाले काघर आने का कोई समय [more…]