दुनियाभर में धर्म, लोक-परलोक, स्वर्ग-नरक आदि काल्पनिक बातें आम आदमी के अनन्त शोषण के लिए ही बनाई गईं हैं!
भारत में लगभग 80 प्रतिशत धर्मभीरु जनता इसी बात में बुरी तरह उलझी हुई है कि, ‘ऊपरवाला किस्मत लिखता है, वो सब देखता है, वो [more…]
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सत्ता पोषित पाखंड के दौर में एक नयी ज़मीन तोड़ने का वक्त… शीर्षक रचना का शेष भाग एक सफल देव पुरुष बनने के लिए कौन [more…]