Saturday, April 20, 2024

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राष्ट्र के नाम संबोधन: दर्शन और उपदेश देकर चले गए प्रधानमंत्री जी

दिल-दिमाग लाख मना करे, लेकिन प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन सुनना ही पड़ता है, आखिर वे देश के मालिक जो ठहरे। कहने को भारत में लोकतंत्र है, संसद, कैबिनेट, नौकरशाही, न्याय पालिका और तमाम तथाकथित स्वायत्त लोकतांत्रिक संस्थाएं...

पाकिस्तान ने खोला करतारपुर गलियारा, मोदी की एक और कूटनीतिक हार!

पाकिस्तान ने भारत के एतराज तथा असहमति के बावजूद करतारपुर गलियारा 104 दिनों के बाद फिर खोल दिया है। 29 जून को पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से करीब 60 श्रद्धालु वहां गए। अलबत्ता भारत की ओर से कोई नहीं...

माहेश्वरी का मत: कोरोना और मोदी की अपराधपूर्ण नीतियां

किसी भी महामारी को रोकने के लिये जिन सात बातों को प्रमुख माना गया है, जिन्हें ‘पावर आफ सेवन’ कहा जाता है, वे हैं — 1. सभी स्तरों पर एक दृढ़ निश्चय वाले नेतृत्व को सुनिश्चित करना ।  2. एक मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्था...

नये ऊर्जा अध्यादेश के जरिए संघीय ढांचे पर नये हमले की तैयारी में मोदी सरकार!

कृषि अध्यादेश-2020 के जरिए संघीय ढांचे को भोथरा करने की कवायद करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार अब ऊर्जा क्षेत्र में आमूल बदलाव की आड़ में संघवाद पर नया हमला करने की तैयारी में है। गौरतलब है कि संसद के...

क्यों असफल हो रही है मोदी की विदेश नीति?

कोरोना संकट के दौरान अगर आप ने अख़बारों को ध्यान से पढ़ा होगा तो एक ‘पैटर्न’ आप ने ज़रूर नोटिस किया होगा। बहुत सारे लेख ऐसे प्रकाशित किए गये जिनमें इस बात का दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र...

सोनभद्र: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में सभी जिलों को शामिल न करने के विरोध में आईपीएफ का प्रदर्शन

लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार का रुख कितना दोहरा है यह बात प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को लागू करने के उसके फैसले में देखी जा सकती है। लॉकडाउन के बाद इस योजना को लोगों को रोजगार मुहैया कराने के...

विशेष आलेख: प्रचंड बहुमत से उभरती निरंकुशता और जनतंत्र का जमीनी सच

25 जून, 1975 को संविधान का सहारा लेकर इस देश के संवैधानिक लोकतंत्र और अवाम के साथ जो किया गया, क्या इन बीते 45 सालों में हमारे समाज और हमारी सियासत ने कोई सबक लिया? क्या आपातकाल यानी इमरजेंसी...

आपातकाल को भी मात देती मोदी सरकार की तानाशाही

वेब अखबार जनचौक में छपी एक खबर के अनुसार, 2 दिन पहले आधी रात को वाराणसी में सीपीआई एमएल (लिबरेशन) के दफ्तर में बिना सर्च वारंट के छापा मारा गया। अर्बन नक्सल के नाम पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की धर-पकड़...

विशेष आलेख: उस घोषित आपातकाल से ज्यादा भयावह है यह अघोषित आपातकाल

आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक बेहद स्याह और शर्मनाक अध्याय....एक दु:स्वप्न...एक मनहूस कालखंड! पूरे 45 बरस हो गए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता की सलामती के लिए आपातकाल लागू कर समूचे देश को कैदखाने में...

विशेष रिपोर्ट: पांच महीने में देश के एक फीसदी लोगों का भी नहीं हो पाया कोविड 19 टेस्ट

भारतीय रिसर्च और मेडिकल काउंसिल के वेबसाइट पर उपलब्ध आँकड़ों के मुताबिक 22 जून 2020 तक कुल 71,37,716 सैंपल की जांच हुई है। साथ ही वेबसाइट पर ये भी दावा किया गया है कि इसमें से केवल 22 जून...

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माओवादियों ने बताया कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार, 25 अप्रैल को बंद का आह्वान

नई दिल्ली। माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार करार दिया है। और उसके विरोध...