Thursday, June 8, 2023

Muslim professor

संस्कृतविद मोलवी, गोभक्त मुसलमान और नमाज की मुद्राओं में ऋचाएं पढ़ता एक वैदिकधर्मी युवक!

मेरे पिता को ऋग्वेद पूरा कंठस्थ था। वे अग्नि सूक्त से संज्ञान सूक्त तक धाराप्रवाह सुना सकते थे। यजुर्वेद तो उनके लिए सहज पाठ था। वह भी कंठस्थ, लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उन्हें कुरआन की आयतें...

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