जनकवि नागार्जुन जन्म दिवस विशेष: ‘जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं’
‘जनता पूछ रही क्या बतलाऊं, जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं।’ ये पंक्तियां बाबा नागार्जुन की कविता की हैं। इसमें वे स्पष्ट शब्दों में कहते [more…]
‘जनता पूछ रही क्या बतलाऊं, जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं।’ ये पंक्तियां बाबा नागार्जुन की कविता की हैं। इसमें वे स्पष्ट शब्दों में कहते [more…]