Thursday, March 28, 2024

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भारतीय संविधान के मूल तत्वों को बचाने का संकल्प है धनंजय कुमार का शाहकार नाटक ‘सम्राट अशोक’

26 जनवरी, 1950 में संविधान को अपनाकर भारत एक सार्वभौम राष्ट्र के रूप में अवतरित हुआ। विश्व ने भारत के इक़बाल को सलाम किया। भारत में पहली बार जनता को देश का मालिक होने का संवैधानिक अधिकार मिला। संविधान का मतलब...

आत्म मुग्ध प्रधानमंत्री का आत्म प्रशंसात्मक प्रवचन

आज तीसरी बार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कोरोना संकट से संदर्भ में देश को करीब 25 मिनट तक संबोधित किया। पूरा संबोधन आत्ममुग्धता और आत्मप्रशंसा से प्रवचन की शैली में था। चूंकि प्रधानमंत्री जी के संबोधन की...

शांति, एकजुटता और महात्मा गांधी

(राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर रायगढ़ में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। जिसमें जनचौक के नियमित लेखक डॉ. राजू पांडेय मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित थे। वह न केवल कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि...

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ग्राउंड रिपोर्ट: रीति रिवाजों के नाम पर लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ समाज

हमारे समाज में अक्सर ऐसे कई रीति रिवाज देखने को मिलते हैं जिससे लैंगिक भेदभाव स्पष्ट रूप से नज़र आता...