Friday, March 29, 2024

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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने बढ़ा दिया बैंकों के एनपीए का संकट

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत छोटे कारोबारियों के कारोबार हेतु कर्ज उपलब्ध कराने से हुई है। इसके अंतर्गत शिशु लोन, पचास हजार तक, किशोर लोन 5 लाख तक और तरुण लोन 10 लाख तक विभिन्न ब्याज दरों पर...

भारत की आज़ादी के दिन लंदन में लगे ‘मोदी गद्दी छोड़ो’ के बैनर

आज भारत की आज़ादी के 75वीं वर्षगांठ की भोर में लंदन में ऐतिहासिक वेस्टमिन्स्टर पुल से ‘मोदी गद्दी छोड़ो’ का बैनर लटकाया गया। आज 15 अगस्त को जैसे ही लंदन में भोर हुई, प्रवासी भारतीयों के सदस्य और भारत के...

कोरोना की आपदा बनी अवसर : मजदूरों के अधिकारों पर सरकारों की नजर (भाग- दो)

लेख- डॉ. राजू पाण्डेय यह एक सर्वज्ञात तथ्य है कि सरकारें महामारी जैसी आपात स्थितियों का लाभ उठाकर अपने कॉर्पोरेट समर्थक एजेंडे को बड़ी तेजी से आगे बढ़ाती हैं क्योंकि इस काल में जनता भयभीत होती है, प्राण रक्षा उसकी...

आगे जाकर पीछे लौटने की नीति है बैंकों का निजीकरण

15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेक्टर के सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की सफल हड़ताल के बाद आज से 52 साल पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर में 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उठाया गया बैंको के...

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या ऑफ अडानी?

देखिए! क्या विडंबना है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अडानी इंटरप्राइजेज को ऑस्ट्रेलिया की कार्मिकेल खान प्रोजेक्ट के लिए एक बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब 5450 करोड़ रुपये) की रकम लोन देने जा रहा...

इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और मोदी ने फिर उन्हें कॉरपोरेट को सौंप दिया

19 जुलाई के दिन को भारतीय बैंकिंग के इतिहास में एक सुनहरा दिन के तौर पर याद किया जाता है। 51 वर्ष पहले इसी दिन देश के 14 प्राइवेट बैंकों का इंदिरा गाँधी सरकार के शासन में राष्ट्रीयकरण किये...

जब कर्ज़ लेने और देने वाले, दोनों भयभीत हों तो कोरोना पैकेज़ से क्या होगा?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर बनो’ वाले 12 मई के नारे के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने पाँच दिनों तक देश के आगे ‘आओ, कर्ज़ा लो’ वाली नारेबाज़ी की। दोनों नारों के प्रति जब उद्यमियों में कोई उत्साह नहीं...

‘भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ’ भाजपा सरकार का मूलमंत्र’

नई दिल्ली। बैंकों के भारी भरकम एनपीए से डूब रहे सार्वजानिक क्षेत्र के बैंकों के बकाये को केंद्र सरकार द्वारा लगातार बट्टेखाते में डाला जा रहा है, क्योंकि इनमें से बहुतेरे भाजपा सरकार के मित्र हैं। यह आरोप किसी...

यस बैंक घोटालाः मनी लॉन्ड्रिंग के बहाने दोस्तों को बचा रही है मोदी सरकार

संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक के बड़े डिफाल्टर्स को बचाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के नाम पर मोदी सरकार ने लीपापोती की कार्रवाई शुरू की है, ताकि आम जनता की आंखों में धूल झोंका जा...

पीएम का दोस्त होने का मिल रहा फायदा!, यस बैंक के डिफाल्टर अंबानी, सुभाष चंद्रा पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं

आर्थिक उदारीकरण के दौर में चाहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हों या निजी क्षेत्र के कार्पोरेट लूट का पर्यायवाची बनकर रह गये हैं। इसमें कार्पोरेट के साथ रिजर्व बैंक आफ इंडिया, संबंधित बैंक और सरकार की दुरभिसन्धि है, जिससे...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...