Friday, April 19, 2024

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गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विष्णु पांड्या ने ‘शववाहिनी गंगा’ को दिया अराजक कविता का खिताब

'शववाहिनी गंगा' कविता लिखने वाली गुजराती कवि  पारुल खाखर 'अराजक' हैं और इस कविता को सराहने वाले 'साहित्यिक नक्सली'! ये मेरा नहीं गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विष्णु पांड्या का कहना है।  दरअसल गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विष्णु पांड्या...

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लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।