बेटी विंकल संधु की नज़रों में पिता पाश
(‘उसके छोटे-छोटे हाथ केक नहीं काट पा रहे थे। वह मोमबत्तियों के पहले जलने और फिर बुझ जाने के दृश्य को देखकर अचंभित थी।’’ उस [more…]
(‘उसके छोटे-छोटे हाथ केक नहीं काट पा रहे थे। वह मोमबत्तियों के पहले जलने और फिर बुझ जाने के दृश्य को देखकर अचंभित थी।’’ उस [more…]
क्रांतिकारी-कवि अवतार सिंह सिंह जो ‘पाश’ के नाम से मशहूर हैं, वह हम सबका बहुत ही प्यारा साथी था। उससे आखरी मुलाक़ात मुझे अब भी [more…]